मंगलवार, 30 दिसंबर 2014



मित्रो,
मातृ-शक्ति को समर्पित भाव जिन्हे शब्दों का रूप देकर आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ, उम्मीद नहीं विश्वास है आप सभी का समर्थन सदैव मिलता रहेगा, 
(माँ)
चन्दन सा विटप, 
शीतालतम छाया, 
कृशकाया के बंधन मैं, 
सागर समाया,

(बहिन)
गूंजों मैं दिदिया, 
सांझी सी गुडिया, 
मन का बंधन, 
मुस्कराता बचपन,

(भावज)
अन्तरंग मित्र, 
ममता का साया, 
आँखों मैं स्नेह, 
आँचल की छाया,

(पत्नी) 
जीवन का भाग, 
सांसो का भीगा राग, 
प्रेयसी सा प्रेम, 
उतुंग सा आधार नेम,

(बिटिया )
आँखों का सपना, 
खुशिओं का झरोखा, 
चंचल मुस्कान से, 
सारा गम सोखा,


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