शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

***** रोटी *****
ग़ुरबत कि जिन्दगी का अरमान है रोटी,
मुफलिस कि जिन्दगी का वरदान है रोटी,
कहने को महज़ लफ्ज़ है, बेशक है सबीला,
मजबूर बंदगी का एहसान है रोटी,

है दर्द कि दवा, बेबस कि है इज्ज़त, 
काँटों का ताज, भूख का ईमान है रोटी, 
बेटी है बेबसी कि, बेटा है अमन का, 
बेबक्त रस्म, बहिसाब बियाँबान है रोटी,

तुमने कही या हमने, है बात एक ही,
अश्कों का सिला, इल्म कि पहचान है रोटी,
काबे कि गली, कैलाश कि दिशा,
हर दौर मैं जज्बात कि मुस्कान है रोटी,

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