***** भाईचारा *****
" कहाँ गया था," भड़कते हुए पिता ने किशोरवय बेटे से सवाल किया" पापा ग्राउंड में खेलने " बेटे के जवाब ने गुस्से सातवें आसमान पर पहुंचा दिया
" खेलने या गुंडागर्दी करने " पिता जी बरस पड़े " श्रीमती भार्गव ने देखा तुझे और उन लोफरों को सड़क के किनारे मारामारी करते हुए" पिता जी के गुस्से का पारावार नहीं था
" पापा वह लड़के रोनी की सिस्टर के साथ बदतमीज़ी कर रहे थे " बेटे ने खुद को पिता के हाथों से बचाते हुए कहा
" तो तुझे क्या, तूने क्या सारे जहाँ का ठेका ले रखा है" पिता की आवाज़ दहाड़ में बदल गयी,
" पापा कल को कोई रौशनी (उसकी बहिन) के साथ ऐसा करेगा तो भी क्या आप ऐसा ही कहेंगे " बेटे की आवाज़ और आँखों मैं भी गुस्सा दिखाई देने लगा, हतप्रभ पिता का ऊपर उठा हाथ वैसे का वैसा ही नीचे आ गया बेटे का भाईचारा देखकर।
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