गुरुवार, 12 फ़रवरी 2015




"अम्मा" महिला के घुटनो से लिपटती नन्ही बालिका उस महिला को सम्बोधित करते हुए बोली " हमको भी लड्डू दे दे, हमको भी खाए का है "
" धुत पगला गयी है का लड्डू तो भैया के खायें का हैं तोहे निहाये" महिला झिडकती हुई बोली, नन्ही बालिका सहमकर अलग हो गयी,
महिला कुछ पल बाद उसी बालिका को उदास देखकर दुलारने लगी "ऐ मुन्नी हियाँ आये का, तोहे खातिर हम मीठी गोली बनायें हैं, आजा लेवे " कहते हुए २ गोलियां बालिका की नन्ही हथेली पर रख दी, बालिका का सहमा चेहरा महिला की और उठ गया, आँखों में सवाल वही था भैया के लिए लड्डू लेकिन बेटी के लिए . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 

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